Education of nelson mandela
Young nelson mandela biography in hindi
नेल्सन मंडेला
नेल्सन ख़ोलीह्लह्ला मंडैला | |
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मई में मंडेला | |
दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति | |
पदबहाल 10 मई 14 जून | |
सहायक | थाबो म्वूयेलवा म्बेकी एफ डब्ल्यू डी क्लेर्क |
पूर्वाधिकारी | एफ डब्ल्यू डी क्लेर्क |
उत्तराधिकारी | थाबो म्वूयेलवा म्बेकी |
जन्म | 18 जुलाई म्वेज़ो, केप प्रांत, दक्षिण अफ़्रीका |
मृत्यु | 5 दिसम्बर () (उम्र95 वर्ष) ह्यूटन, जोहान्सबर्ग, दक्षिण अफ़्रीका |
जन्म कानाम | ख़ोलीह्लह्ला मंडैला |
राष्ट्रीयता | दक्षिण अफ़्रीकी |
राजनीतिकदल | अफ्रीकन नेशनल कांग्रेस |
जीवन संगी | एवलिन नटोको मेस (वि –; तलाक) विनी मदिकिज़ेला (वि –; तलाक़) ग्राशा मैचल (वि –; मृत्युपर्यंत) |
बच्चे | मेडिका थेमबेकल मंडेला मैकज़िव मंडेला मैकगाथो लेवानिका मंडेला मैकज़िव मंडेला ज़ेनानी मंडेला ज़िनज़िस्वा मंडेला |
निवास | ह्यूटन एस्टेट, जोहानसबर्ग, गौटेंग, दक्षिण अफ़्रीका |
शैक्षिक सम्बद्धता | यूनिवर्सिटी ऑफ़ फोर्ट हेर यूनिवर्सिटी ऑफ़ लंदन एक्सटर्नल सिस्टम यूनिवर्सिटी ऑफ़ साउथ अफ्रीका यूनिवर्सिटी ऑफ़ द विटवाटरस्रांड |
धर्म | ईसाई (मेथोडिज़्म) |
हस्ताक्षर | |
जालस्थल | |
नेल्सन ख़ोलीह्लह्ला मंडैला (ख़ोसा: Nelson Rolihlahla Mandela; 18 जुलाई – 5 दिसम्बर ) दक्षिण अफ्रीका के प्रथम अश्वेत भूतपूर्व राष्ट्रपति थे। राष्ट्रपति बनने से पूर्व वे दक्षिण अफ्रीका में सदियों से चल रहे रंगभेद का विरोध करने वाले अफ्रीकी नेशनल कांग्रेस और इसके सशस्त्र गुट उमखोंतो वे सिजवे के अध्यक्ष रहे। रंगभेद विरोधी संघर्ष के कारण उन्होंने 27 वर्ष रॉबेन द्वीप के कारागार में बिताये जहाँ उन्हें कोयला खनिक का काम करना पड़ा था। में श्वेत सरकार से हुए एक समझौते के बाद उन्होंने नये दक्षिण अफ्रीका का निर्माण किया। वे दक्षिण अफ्रीका एवं समूचे विश्व में रंगभेद का विरोध करने के प्रतीक बन गये। संयुक्त राष्ट्रसंघ ने उनके जन्म दिन को नेल्सन मंडेला अन्तर्राष्ट्रीय दिवस के रूप में मनाने का निर्णय लिया।
प्रारम्भिक जीवन
मंडेला का जन्म 18 जुलाई को म्वेज़ो, ईस्टर्न केप, दक्षिण अफ़्रीका संघ में गेडला हेनरी म्फ़ाकेनिस्वा और उनकी तीसरी पत्नी नेक्यूफी नोसकेनी के यहाँ हुआ था। वे अपनी माँ नोसकेनी की प्रथम और पिता की सभी संतानों में 13 भाइयों में तीसरे थे। मंडेला के पिता हेनरी म्वेजो कस्बे के जनजातीय सरदार थे।[1] स्थानीय भाषा में सरदार के बेटे को मंडेला कहते थे, जिससे उन्हें अपना उपनाम मिला।[2] उनके पिता ने इन्हें 'रोलिह्लाला' प्रथम नाम दिया था जिसका खोज़ा में अर्थ "उपद्रवी" होता है। उनकी माता मेथोडिस्ट थी। मंडेला ने अपनी प्रारम्भिक शिक्षा क्लार्कबेरी मिशनरी स्कूल से पूरी की। उसके बाद की स्कूली शिक्षा मेथोडिस्ट मिशनरी स्कूल से ली। मंडेला जब 12 वर्ष के थे तभी उनके पिता की मृत्यु हो गयी।[3]
राजनीतिक संघर्ष
में मंडेला जोहन्सबर्ग चले गये जहाँ इनकी मुलाकात वॉल्टर सिसुलू और वॉल्टर एल्बरटाइन से हुई। उन दोनों ने राजनीतिक रूप से मंडेला को बहुत प्रभावित किया। जीवनयापन के लिये वे एक कानूनी फ़र्म में क्लर्क बन गये परन्तु धीर-धीरे उनकी सक्रियता राजनीति में बढ़ती चली गयी। रंग के आधार पर होने वाले भेदभाव को दूर करने के उन्होंने राजनीति में कदम रखा। में वे अफ़्रीकन नेशनल कांग्रेस में शामिल हो गये जिसने रंगभेद के विरूद्ध आन्दोलन चला रखा था। इसी वर्ष उन्होंने अपने मित्रों और सहयोगियों के साथ मिल कर अफ़्रीकन नेशनल कांग्रेस यूथ लीग की स्थापना की। में वे लीग के सचिव चुने गये। में मंडेला और उनके कुछ मित्रों के विरुद्ध देशद्रोह का मुकदमा चला परन्तु उसमें उन्हें निर्दोष माना गया।[3]
5 अगस्त को उन्हें मजदूरों को हड़ताल के लिये उकसाने और बिना अनुमति देश छोड़ने के आरोप में गिरफ़्तार कर लिया गया। उन पर मुकदमा चला और 12 जुलाई को उन्हें उम्रकैद की सजा सुनायी गयी। सज़ा के लिये उन्हें रॉबेन द्वीप की जेल में भेजा गया किन्तु सजा से भी उनका उत्साह कम नहीं हुआ। उन्होंने जेल में भी अश्वेत कैदियों को लामबन्द करना शुरू कर दिया था। जीवन के 27 वर्ष कारागार में बिताने के बाद अन्ततः 11 फ़रवरी को उनकी रिहाई हुई। रिहाई के बाद समझौते और शान्ति की नीति द्वारा उन्होंने एक लोकतान्त्रिक एवं बहुजातीय अफ्रीका की नींव रखी।[3]
में दक्षिण अफ़्रीका में रंगभेद रहित चुनाव हुए। अफ़्रीकन नेशनल कांग्रेस ने 62 प्रतिशत मत प्राप्त किये और बहुमत के साथ उसकी सरकार बनी। 10 मई को मंडेला अपने देश के सर्वप्रथम अश्वेत राष्ट्रपति बने। दक्षिण अफ्रीका के नये संविधान को मई में संसद की ओर से सहमति मिली जिसके अन्तर्गत राजनीतिक और प्रशासनिक अधिकारों की जाँच के लिये कई संस्थाओं की स्थापना की गयी। में वे सक्रिय राजनीति से अलग हो गये और दो वर्ष पश्चात् उन्होंने में कांग्रेस-अध्यक्ष का पद भी छोड़ दिया।[3]
विचारधारा
नेल्सन मंडेला बहुत हद तक महात्मा गांधी की तरह अहिंसक मार्ग के समर्थक थे। उन्होंने गांधी को प्रेरणा स्रोत माना था और उनसे अहिंसा का पाठ सीखा था।
व्यक्तिगत जीवन
मंडेला के तीन शादियाँ कीं जिन से उनकी छह संतानें हुई। उनके परिवार में 17 पोते-पोती थे।[4] अक्टूबर को उन्होंने अपने मित्र व सहयोगी वॉल्टर सिसुलू की बहन इवलिन मेस से शादी की। में मंडेला पर देशद्रोह का मुकदमा चलाया गया परन्तु उन्हें अदालत ने निर्दोष पाया। इसी मुकदमे के दौरान उनकी मुलाकात अपनी दूसरी पत्नी नोमजामो विनी मेडीकिजाला से हुई। में अपने 80वें जन्मदिन पर उन्होंने ग्रेस मेकल से विवाह किया।[3]
मृत्यु
5 दिसम्बर को फेफड़ों में संक्रमण हो जाने के कारण मंडेला की हॉटन, जोहान्सबर्ग स्थित अपने घर में मृत्यु हो गयी। मृत्यु के समय ये 95 वर्ष के थे और उनका पूरा परिवार उनके साथ था। उनकी मृत्यु की घोषणा राष्ट्रपति जेकब ज़ूमा ने की।[5]
पुरस्कार एवं सम्मान
दक्षिण अफ्रीका के लोग मंडेला को व्यापक रूप से "राष्ट्रपिता" मानते थे।[6] उन्हें "लोकतन्त्र के प्रथम संस्थापक"[7], "राष्ट्रीय मुक्तिदाता और उद्धारकर्ता" के रूप में देखा जाता था।[8] में जोहनसबर्ग में स्थित सैंडटन स्क्वायर शॉपिंग सेंटर में मंडेला की मूर्ति स्थापित की गयी और सेंटर का नाम बदलकर नेल्सन मंडेला स्क्वायर रख दिया गया। दक्षिण अफ्रीका में प्रायः उन्हें मदीबा कह कर बुलाया जाता है जो बुजुर्गों के लिये एक सम्मान-सूचक शब्द है।
नवम्बर में संयुक्त राष्ट्र महासभा ने रंगभेद विरोधी संघर्ष में उनके योगदान के सम्मान में उनके जन्मदिन (18 जुलाई) को 'मंडेला दिवस' घोषित किया। 67 साल तक मंडेला के इस आन्दोलन से जुड़े होने के उपलक्ष्य में लोगों से दिन के 24 घण्टों में से 67 मिनट दूसरों की मदद करने में दान देने का आग्रह किया गया।[9] मंडेला को विश्व के विभिन्न देशों और संस्थाओं द्वारा से भी अधिक सम्मान और पुरस्कार प्रदान किए गए हैं: